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वीर केसरी चन्द शहीद कैसे हुए?veer kesarichan

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  [03/05, 5:32 am] sr8741002@gmail.com: वीर केसरी चन्द का जन्म 1 नवम्बर सन 1920  को ग्राम क्यावा, जौनसार बावर, उत्तराखण्ड में हुआ था।भारत के स्वतन्त्रता प्राप्ति संग्राम में हजारों लाखों की संख्या में देशभक्तों ने अपने शौर्य–पराक्रम और बलिदान से इतिहास में अपना स्थान बनाया है। उत्तराखण्ड राज्य का भी देश के स्वतन्त्रता प्राप्ति संग्राम में स्वर्णिम इतिहास रहा है। सुभाष चन्द्र बोस द्वारा जब आजाद हिन्द फौज की स्थापना की गई तो उत्तराखण्ड के अधिसंख्य रणबांकुरों ने इस क्रांतिकारी सेना की सदस्यता लेकर स्वतंत्रता प्राप्त करने की ठानी थी। उत्तराखण्ड में जौनसार बावर क्षेत्र के वीर सपूत केसरी चन्द जिन्होंने देश के स्वतन्त्रता प्राप्ति संग्राम में अपने प्राणो की आहूति दी थी। वीर केसरीचंद का बलिदान भारत की आजादी के आंदोलन में बलिदान होने वाले नौजवानों की गौरवगाथा है। अमर हुतात्मा वीर केसरीचन्द का जन्म 1 नवम्बर सन 1920 को देवभूमि उत्तराखण्ड के ग्राम क्यावा, जौनसार बावर में हुआ था। इनकी प्रारम्भिक शिक्षा विकासनगर में हुई। केसरीचन्द बचपन से ही निर्भीक और साहसी थे, खेलकूद में भी इनकी विशेष रुच...

सिन्धु नदी समझोता तोडने से पाकिस्तान की क्या स्थिति होगी?? What is the history of Indus river and Indus riiver Treatly?

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सिन्धु नदी का इतिहास:-  भारतीय धर्म संस्कृति और इतिहास में सिंधु नदी और सिंधी भाषा का बहुत ही महत्व है, भारत का बंटवारा हुआ तो यह सभी पाकिस्तान के हिस्से में चले गए, और फिर इस क्षेत्र के प्राचीन इतिहास, भाषा और संस्कृति को मिटाने का कुचक्र पाकिस्तान ने चलाया परंतु अब पाकिस्तान में भी इस संबंध में एक सोच जागने लगी है कि हमें अपने मूल को भूलना नहीं नहीं चाहिए, और आने वाली पीढ़ी को सच्चे इतिहास से अवगत कराना चाहिए। सिंधु और सरस्वती नदी को भारतीय सभ्यता में सबसे प्राचीन नदी माना जाता है, गंगा से पहले भारतीय संस्कृति में सिंधु नदी  की ही महिमा थी। सिंधु का अर्थ होता है जलराशि, सिंधु के इतिहास के बगैर भारतीय इतिहास की कल्पना नहीं की जा सकती है।सिन्धु नदी एशिया की सबसे लम्बी नदी है। सिंधु नदी 3 देशों में बहती है चीन, भारत, और पाकिस्तान यह नदी लगभग 1976 मील तक बहती है सिंधु नदी बेसिन लगभग 4,50000 वर्ग मील में फैला हुआ है। यह पाकिस्तान,भारत के जम्मू-कश्मीरऔर चीन के पश्चिमी तिब्बत से होकर बहती है।सिन्धु नदी मे बाढ आयी है। 1956,1973,1976,1992,1994,2010,2015,2022 मे। पाकिस्तान हर हमेशा भ्...

क्या है?24 अप्रैल को भारत और विश्व भर का घटनाएं what are the important events in India and around the world

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  1-1982 ,15 वर्षों के इजरायली आधिपत्य के बाद सिनाई प्राय:द्वीप क्षेत्र मिस्र को वापस। 2-1998, क्लोन भेड़ डोली द्वारा एक स्वस्थ मेमने बॉनी का जन्म। 3-2002 अर्जेन्टीना में बैंक अनिश्चित काल के लिए बंद। 4-2003 तमिल विद्रोहियों का मानवीय मसलों पर होने वाली 17वें दौर (थाइलैंड) की वार्ता में भाग लेने से इन्कार। 5-2006  नेपाल में संसद बहाल। 6-2007 हमास ने इस्रायल पर हमला करके युद्ध विराम को तोड़ा। 7-2008 नेपाल में नई सरकार का गठन करने जा रहे माओवादी नेता पुष्पकमल दहल उर्फ प्रचण्ड ने भारत व नेपाल के मध्य 1950 में हुई संधि को समाप्त करने की घोषणा की। 24 अप्रॅल को जन्मे व्यक्ति 1-1945 लैरी टेस्लर अमेरिका के एक कम्प्यूटर वैज्ञानिक थे। 2-1973 प्रमोद सावंत भारतीय राजनीतिज्ञ और गोवा के मुख्यमंत्री। 3-1973 सचिन तेंदुलकर भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी। 4-1956 तीजनबाई छत्तीसगढ़ राज्य की पहली महिला कलाकार और 'पण्डवानी' की 'कापालिक शैली' की गायिका। 5-1956 शरद अरविंद बोबडे  भारत भूतपूर्व 47वें मुख्य न्यायाधीश रहे हैं। 6-1940 अजीज क़ुरैशी, भोपाल) मिजोरम के पूर्व राज्यपाल थे। 7-1938 मैक मोहन हिन्दी...

पहलगाम में आतंकवादियों का धर्म नहीं? मरने वालों का धर्म क्यों जरूरी था? Pahalgam TerrorAttack

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  22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के पीछे जरुर पाकिस्तान का हाथ है।इस निर्मम, निहत्थे भारतीय पर्यटकों का धर्म पूछकर हत्या की गयी।यह हमला मुस्लिम कट्टरपंथी हमास की तर्ज पर हुआ है। इन मुस्लिम कट्टरपंथी आतंकवादियों ने धर्म पूछकर निर्मम हत्या की इस कुकृत्य की पूरी दुनिया निंदा कर रही है। वक्त आ गया पाकिस्तान का पूरा इलाज करने का।और जरूर करना चाहिए। 26 लोगों की हत्या का मास्टरमाइंड कौन, क्यों चुना ये वक्त?कश्मीर के पहलगाम शहर के निकट ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ के नाम से मशहूर पर्यटन स्थल बायसरन में मंगलवार दोपहर हुए आतंकी हमले  26 लोगों की मौत हो गई। मृतकों में ज्यादातर पर्यटक थे। यह 2019 में पुलवामा में हमले के बाद घाटी में हुआ सबसे बड़ा हमला है। विस्तार जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम में मंगलवार को हुए भयावह आतंकवादी हमले पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। हमले में 26 लोगों की मौत हो हुई है। इस कायराना हमले में 17 लोग घायल भी हुए हैं। इस हमले के शिकार हुए अधिकतर लोग पर्यटक थे, जो अपने परिवारों के साथ 'मिनी स्विट्जरलैंड' कहे जाने वाले बायसरन घूमने आए थे। 2019 में पुलवाम...

क्या है विश्व पृथ्वी दिवस 2025की थीम? What is the theem of world Earth day 2025?

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  Earth Day 2025: पृथ्वी दिवस, इतिहास और इस साल की थीम Earth Day 2025 Theme: इस साल 55 वां पृथ्वी दिवस मनाया जा रहा है, पृथ्वी दिवस मनाने के पीछे क्या वजह है और किस तरह पर्यावरण संरक्षण की तरफ हम सभी अपना योगदान दे सकते हैं।  पृथ्वी दिवस, हमारी धरती को समर्पित है ,  Earth Day 2025: हर साल 22 अप्रैल के दिन विश्व पृथ्वी दिवस मनाया जाता है,इसे केवल पृथ्वी दिवस के नाम से भी जाना जाता है,पृथ्वी दिवस मनाने का मकसद पर्यावरण संरक्षण की तरफ सभी का ध्यान खींचना और यह कोशिश करना है कि सभी पृथ्वी को खुशहाल बनाए रखने मेंअपना योगदान दें, यह हर पीढ़ी की जिम्मेदारी बनती है कि वह आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वस्थ और खुशहाल पृथ्वी बनाए रखे, प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण को बढ़ावा देना, पर्यावरण को सुरक्षित रखना, पर्यावरण संरक्षण में आने वाली चुनौतियों से लड़ना, लोगों को प्राकृतिक आपदाओं से बचाव के तरीके बताना, जनसंख्या वृद्धि पर नजर रखना, वनों की कटाई को रोकना, प्रदूषण (Pollution) कम करने की तरफ कदम बढ़ाना और पृथ्वी के हित में कार्य करने के लिए सभी को जागरूक करना ही इस दिन को मनाने का उद्देश...

जलियांवाला बाग हत्याकांड कब और क्यों हुआ था?jallianwala bagh Massacre

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 13 अप्रैल का इतिहास  भारतीय स्वतन्त्रता के लिए हुए संघर्ष के गौरवशाली इतिहास में अमृतसर के जलियाँवाला बाग का अप्रतिम स्थान रहा है। इस आधुनिक तीर्थ पर हर देशवासी का मस्तक उन वीरों की याद में स्वयं ही झुक जाता है, जिन्होंने अपने रक्त से भारत की स्वतन्त्रता के पेड़ को सींचा। 13 अप्रैल, 1919 को बैसाखी का पर्व था। यों तो इसे पूरे देश में ही मनाया जाता है, पर खालसा पन्थ की स्थापना का दिन होने के कारण पंजाब में इसका उत्साह देखते ही बनता है। इस दिन जगह-जगह मेले लगते हैं, लोग पवित्र नदियों में स्नान कर पूजा करते हैं, पर 1919 में इस पर्व पर वातावरण दूसरा ही था। इससे पूर्व अंग्रेज सरकार ने भारतीयों के दमन के लिए ‘रौलट एक्ट’ का उपहार दिया था। इसी के विरोध में एक विशाल सभा अमृतसर के जलियाँवाला बाग में आयोजित की गयी थी। रोलेट एक्ट - साल 1919 में ब्रिटिश सरकार ने पारित किया था, इसे काला कानून भी कहा जाता है यह एक ऐसा कानून था जिसके तहत सरकार को बिना किसी मुकदमे के किसी भी व्यक्ति को जेल में डालने का अधिकार मिल गया था, इस कानून के जरिए अंग्रेज सरकार देश में राष्ट्रवादी आंदोलन को कुचलना चाहती...

भारतीय नववर्ष 30मार्च2025 चैत्र शुक्ल प्रतिपदा ही क्यों? Hindu/Bhartiya New year 2025

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  1,36,08,53,126वें नववर्ष एवं चैत्र शुक्ल प्रतिपदा,युगाब्द 5127,विक्रमी संवत 2082तद्नुसार मंगलवार 10 मार्च2025 के शुभ अवसर पर आपको सपरिवार हार्दिक शुभकामनायें। भारतीय संस्कृति में चैत्र शुक्ल प्रतिपदा का महत्वपूर्ण स्थान है। ब्रह्मपुराण में उल्लेख है- चैत्र मास से जगद्ब्रह्मा ससर्ज पृथमेहनि, शुक्ल पक्षे समग्रन्तु तदा सूर्योदये गति। यानी प्रतिपदा तिथि को ही ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचनाकर मानव की उत्पत्ति की थी। महान गणितज्ञ भास्कराचार्य ने इसी शुभ तिथि को सूर्योदय से सूर्यास्त तक दिन, महीना और वर्ष की गणना करते हुए प्रथम भारतीय पंचांग की रचना की थी। जहां एक ओर दुनिया के अन्य देशों में नया साल मनाने का आधार किसी व्यक्ति, घटना व स्थान से जुड़ा है, विदेशी लोग अपने नववर्ष अपने देश की सामाजिक और धार्मिक परंपराओं और मान्यताओं के अनुसार मनाते हैं,लेकिन भारतीय नववर्ष ब्रह्मांड के अनादि तत्वों से जुड़ा है। ग्रह- नक्षत्रों की गति पर आधारित भारतीय नववर्ष सबसे अनूठा और सर्वाधिक वैज्ञानिक है। भारतीय ज्योतिष के विद्वानों ने वैदिक युग में बता दिया था, कि अमुक दिन, अमुक समय से सूर्यग्रहण होगा। यह क...

विश्व रंगमंच दिवस 2025की थीम क्या है? World Theatre day 2025

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  World Theatre Day 2025: History, विश्व रंगमंच दिवस 2025 हर वर्ष 27 मार्च को विश्‍व रंगमंच दिवस (World Theatre Day) मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य रंगमंच की कला को बढ़ावा देना और इस क्षेत्र से जुड़े कलाकारों, निर्देशकों, लेखकों और तकनीशियनों को सम्मान देना है। इसकी स्थापना 1961 मैं अंतर्राष्ट्रीय रंगमंच संस्थान आईटीआई द्वारा की गई थी।साथ ही एक दूसरे की संस्कृति को विश्व स्तर पर साझा करना है। प्रेम भाव और शांति की संस्कृति को बढ़ाना है।यह दिवस अंतरराष्ट्रीय रंगमंच संस्थान (ITI – International Theatre Institute) द्वारा 1961 में शुरू किया गया था। रंगमंच (थिएटर)  यह एक प्रदर्शन कला (Performing Art) है, जिसमें कलाकार दर्शकों के सामने अभिनय (Acting), संवाद (Dialogue), संगीत (Music), नृत्य (Dance) और अन्य कलात्मक तत्वों के माध्यम से एक कहानी प्रस्तुत करते हैं। यह मनोरंजन का सबसे पुराना माध्यम है, जो समाज की भावनाओं, विचारों और संस्कृति को दर्शाता है। रंगमंच का इतिहास प्राचीन ग्रीस से जुड़ा रंगमंच का इतिहास हुआ है, जहां थेस्पिस (Thespis) नामक कलाकार ने पहली बार एकल अभिनय ...

क्या है? चिपको आंदोलन का इतिहास? What is Chipko Movement?

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  [26/03, 3:19 am] sr8741002@gmail.com: उत्तर प्रदेश/आज उत्तराखंड में चिपको आंदोलन 26 मार्च 1974 को रैणी गांव की महिलाओं ने पेड़ों को गले लगा कर और घेरकर वन विभाग के अधिकारियों और ठेकेदारों को पेड़ों को काटने से रोका,  चिपको आंदोलन एक पर्यावरण-रक्षा का आन्दोलन था। यह भारत के उत्तराखण्ड राज्य (तब उत्तर प्रदेश का भाग) में किसानो ने वृक्षों की कटाई का विरोध करने के लिए किया था। वे राज्य के वन विभाग के ठेकेदारों द्वारा वनों की कटाई का विरोध कर रहे थे और उन पर अपना परम्परागत अधिकार जता रहे थे।यह आन्दोलन तत्कालीन उत्तर प्रदेश के चमोली जिले में सन् 1973 में प्रारम्भ हो गया था। एक दशक के अन्दर यह पूरे उत्तराखण्ड क्षेत्र में फैल गया था। चिपको आन्दोलन की एक मुख्य बात थी कि इसमें स्त्रियों ने भारी संख्या में भाग लिया था। शुरुवात 1973 में भारत के प्रसिद्ध पर्यावरणविद् सुन्दरलाल बहुगुणा, कामरेड गोविन्द सिंह रावत, चण्डीप्रसाद भट्ट तथा श्रीमती गौरादेवी के नेत्रत्व मे हुई थी। यह भी कहा जाता है कि कामरेड गोविन्द सिंह रावत ही चिपको आन्दोलन के व्यावहारिक पक्षधर थे। जब चिपको की मार व्यापक प्रतिबं...

क्या है विश्व गौरैया संरक्षण दिवस 2025 की थीम World sparrow day 2025

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  विश्व गौरैया दिवस 2025 महत्व और इतिहास: हर साल 20 मार्च को विश्व गौरैया दिवस मनाया जाता है ताकि घरों में चहकने वाली इन नन्हीं चिड़ियों की घटती आबादी को लेकर जागरूकता फैलाई जा सके और इनके संरक्षण के लिए कदम उठाए जाएं। इस दिवस की शुरुआत 2010 में भारत की नेचर फॉरएवर सोसाइटी द्वारा की गई थी। आज यह एक वैश्विक पहल बन चुकी है, जिसमें 50 से अधिक देश संरक्षण अभियानों में भाग ले रहे हैं। विश्व गौरैया दिवस 2025की थीम -हमारे छोटे पंख वाले दोस्तों की चहचहाहट को संरक्षित करना।  I love sparrow  गौरैया की घटती चहचहाहट गांवों की शांत सुबह से लेकर शहरों की व्यस्त गलियों तक, कभी गौरैया की चहचहाहट आम बात थी। ये नन्हीं चिड़ियां घरों, मंदिरों और पेड़ों में बसेरा करती थीं। लेकिन समय के साथ, इनकी संख्या तेजी से घटती गई और अब यह एक दुर्लभ दृश्य बन चुकी हैं। गौरैयाओं के लुप्त होने के पीछे कई कारण हैं, जिनमें शहरीकरण, प्रदूषण और कीटनाशकों का बढ़ता उपयोग शामिल हैं। इन चुनौतियों को देखते हुए संरक्षण कार्यकर्ताओं और पर्यावरणविदों ने इनके बचाव के लिए कदम उठाने शुरू किए हैं। विश्व गौरैया दिवस का इतिहा...

क्या है अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2025की थीम? International Women's day 2025

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  [07/03, 9:48 pm] sr8741002@gmail.com: Women's Day 2025 प्रतिवर्ष अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च को मनाया जाता है  International Women's Day 2025 अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2025 -  समाज को तब तक विकसित नहीं किया जा सकता, जब तक महिलाएं हर क्षेत्र में स्वतंत्र और सशक्त न हो जाएं। महिलाओं के अधिकारों, समानता और उनके योगदान को सम्मान देने के लिए दुनियाभर के तमाम देश हर साल अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाते हैं। इस दिन को मनाने का उद्देश्य समाज में महिलाओं की भूमिका को स्वीकार करना और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करना है। महिला दिवस महज एक दिन का उत्सव नहीं है, बल्कि महिला सशक्तिकरण और समानता की दिशा में एक कदम है। महिला दिवस का इतिहास   महिला दिवस मनाने की शुरुआत 20वीं सदी से हुई थी। 1908 में अमेरिका में कामकाजी महिलाओं ने कम वेतन, लंबे कार्य घंटे और मतदान के अधिकार की मांग को लेकर न्यूयॉर्क में प्रदर्शन किया। इसके एक साल बाद 1909 में अमेरिका की सोशलिस्ट पार्टी ने 28 फरवरी को पहला राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया। बाद में क्लारा जेटकिन नाम की समाजवादी नेता ने 8 मार्च को अंतरर...

महाकुंभ 2025 प्रयागराज में क्या बने विश्व रिकॉर्ड? Mahakumbh Prayagraj 2025 Records

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  महाकुंभ में बने रिकॉर्ड :-  45 दिन में 66 करोड़ 30 लाख भक्तों ने लगाई डुबकी, यह सिर्फ भारत-चीन की आबादी से कम है। इस बार महाकुंभ में क्या-क्या रिकॉर्ड बने हैं? संख्या के लिहाज से यह आयोजन कितना बड़ा है। बीते 45 दिनों में प्रयागराज की जनसंख्या कितने देशों की आबादी से ज्यादा रही है? इसके अलावा इस महाकुंभ रिकॉर्ड बने जो गिनीज वर्ल्ड बुक में दर्ज किये जा सकते हैं। Mahakumbh 2025 World Records made and broken in UPs Prayagraj largest event populationwise India and the world महाकुंभ 2025।   6करोड़ 30लाख भक्तों ने 2025 के  महाकुंभनगरी पहुंचकर संगम में डुबकी लगाई है। अगर संख्या के लिहाज से बात करें तो यह भारत की कुल आबादी का 50 फीसदी से ज्यादा है। यानी आधे से ज्यादा भारत इस बार महाकुंभ में डुबकी लगा चुका है।  संख्या के लिहाज से यह आयोजन कितना बड़ा है। बीते 45 दिनों में प्रयागराज की जनसंख्या कितने देशों की आबादी से ज्यादा रही है? इसके अलावा इस महाकुंभ में ऐसे कौन से रिकॉर्ड हैं, जो गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में जगह बना सकते हैं। आइये जानते हैं। दुनिया के किसी आय...

महाशिवरात्रि का सनातन में क्यों इतना महत्व है?Mahashivrati2025

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  महाशिवरात्रि का पर्व हर साल फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाते हैं। महाशिवरात्रि को भगवान शिव के प्रति अपनी भक्ति और श्रद्धा प्रकट करने का एक विशेष अवसर माना जाता है, पौराणिक कथा के अनुसार फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर पहली बार भगवान शिव ज्योतिर्लिंग में प्रकट हुए थे, इसे महाशिवरात्रि रूप में मनाया जाता है,और भगवान शिव के निराकार रुप से साकार रूप मे अवतरण माना जाता है, भगवान शिव ने तांडव नृत्य किया था।2025 मे महाशिवरात्रि 26 फरवरी को है।यह पर्व भगवान शिव और माता सती के विवाह को समर्पित एक सनातनी पर्व है। माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तप किया था, इस दिन शिव भक्त उपवास और शिव मंदिरों में पूजा अर्चना करते हैं । (उपवास का अर्थ है समीप वास करना अर्थात भगवान के समीप वास करना।) भगवान शिव और माता सती के विवाह की कहानी इस प्रकार  है।  कहते हैं कि एक बार दंड का रण मे भगवान राम और लक्ष्मण जी माता सीता की खोज में विचरण कर रहे थे। इस कथा का उल्लेख श्रीमद् भागवत कथा और रामचरितमानस में भी  है ।तो जब भगवान राम और लक्ष...

24फरवरी को भारत व विश्वभर की महत्वपूर्ण घटनाएं ? important events in India and around the world on February 24

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  24 फरवरी की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ :- 1-1821 मैक्सिको ने स्पेन से स्वतंत्रता हासिल की। 2-1822 दुनिया के पहले स्वामी नारायण मंदिर का अहमदाबाद में उद्घाटन हुआ। 3-1831 दा ट्रीटि ऑफ डासिंग रेबिट क्रीक वह पहली संधि है जिसे भारतीय रिमूवल एक्ट से हटाने की घोषणा की गयी। 4-1882  संक्रामक बीमारी टीबी की पहचान आज ही के दिन की गई थी। 5-1894 निकारागुआ ने हाेंडुरास की राजधानी तेगुसिगालपा पर कब्जा किया। 6-1895 क्यूबा में स्वतंत्रता प्राप्ति के लिये लड़ाई शुरु हुई। 7-1976 अर्जेन्टीना में सेना प्रमुखों द्वारा बलात् सत्ता ग्रहण, राष्ट्रपति श्रीमती पैरों गिरफ्तार एवं संसद भंग। 8-2001पाकिस्तान भारत से परमाणु निवारण के लिए वार्ता को तैयार। 9-2003 चीन के जिजियांग प्रान्त में भीषण भूकम्प से 257 मरे। 10-2004 रूस के राष्ट्रपति ब्लादीमीर पुतिन ने प्रधानमंत्री मिखाइल कास्यानोव को उनके पद से हटाया। 11-2006 फिलीपींस में तख्तापलट की कोशिश के बाद आपातकाल लागू। 12-2008 रिलायंस पावर ने अपने शेयर धारकों की क्षतिपूर्ति के लिए बोनस शेयर जारी करने का फैसला किया। 13-मुम्बई की शगुन साराभाई ने जोहांसवर्ग में मिस इण्ड...

सदाशिव गोलवलकर उपाख्य गुरूजी को क्यों राष्ट्रऋषि माना जाता है?Sadashiv Golvalkar (Guru ji) second chief of RSS

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  सदाशिव गोळवलकर उपाख्य श्री गुरुजी का जन्म 19 फ़रवरी 1906 को  रामटेक महाराष्ट्र मे हुआ था।  वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वितीय सरसंघचालक 1940 से 1973 तक रहे। तथा वे महान विचारक थे। वे गुरूजी' के ही नाम से अधिक जाने जाते थे। हिन्दुत्व की विचारधारा का प्रवर्तन करने वालों  मे उनका नाम प्रमुख है। वे संघ के द्वित्तीय सर संघचालक रहे।और आरम्भिक नेताओं में से एक थे।  वे अपने माता-पिता की चौथी संतान थे। उनके पिता का नाम श्री सदाशिव राव उपाख्य 'भाऊ जी' तथा माता का श्रीमती लक्ष्मीबाई उपाख्य 'ताई' था। उनका बचपन में नाम माधव रखा गया पर परिवार में वे मधु के नाम से ही पुकारे जाते थे। पिता सदाशिव राव प्रारम्भ में डाक-तार विभाग में कार्यरत थे परन्तु बाद में उनकी नियुक्ति शिक्षा विभाग में 1908 में अध्यापक पद पर हो गयी। मधु जब मात्र दो वर्ष के थे तभी से उनकी शिक्षा प्रारम्भ हो गयी थी। पिताश्री भाऊजी जो भी उन्हें पढ़ाते थे उसे वे सहज ही इसे कंठस्थ कर लेते थे। बालक मधु में कुशाग्र बुद्धि, ज्ञान की लालसा, असामान्य स्मरण शक्ति जैसे गुणों का समुच्चय बचपन से ही विकसित हो रहा था। सन्...