विश्व पर्यावरण दिवस 2025की मेजबानी और थीम क्या है? World Environment Day 2025 Theem and Hosting country
World Environment Day 2025 विश्व पर्यावरण दिवस 2025:
विश्व पर्यावरण दिवस हर साल 5 जून को मनाया जाता है। यह वैश्विक स्तर पर जागरूकता बढ़ाने और सबसे महत्वपूर्ण पर्यावरणीय मुद्दों पर कार्रवाई करने के लिए संयुक्त राष्ट्र की प्रमुख पहल है। 1972 में अपनी स्थापना के बाद से, यह एक शक्तिशाली वैश्विक मंच के रूप में विकसित हुआ है, जिसमें सालाना 150 से अधिक देश शामिल होते हैं।
मानव पर्यावरण पर स्टॉकहोम सम्मेलन के दौरान शुरू किया गया , पहला विश्व पर्यावरण दिवस 1973 में मनाया गया था। प्रत्येक वर्ष, एक अलग देश समारोह की मेजबानी करता है और वैश्विक पर्यावरणीय प्राथमिकता को उजागर करने के लिए एक विशिष्ट विषय चुना जाता है।
विश्व पर्यावरण दिवस 2025 का थीम “प्लास्टिक प्रदूषण को हराना” है। यह थीम बढ़ते विश्व भर में प्लास्टिक संकट से निपटने की तत्काल आवश्यकता को बल देती है, प्लास्टिक जो पारिस्थितिकी तंत्र, वन्य जीवन,और मानव स्वास्थ्य के लिए बहुत बड़ा खतरा है।
प्लास्टिक वैश्विक स्तर पर सबसे बड़े प्रदूषकों में से एक बन गया है, जिसमें माइक्रोप्लास्टिक महासागरों, मिट्टी और यहां तक कि मानव शरीर के अंदर भी पाया जाता है। अभियान सरकारों, उद्योगों और व्यक्तियों से प्लास्टिक कचरे को तत्काल कम करने और टिकाऊ विकल्पों की ओर बढ़ने का आह्वान करता है।
कोरिया गणराज्य विश्व पर्यावरण दिवस 2025 का मेजबान देश है। मुख्य वैश्विक समारोह जेजू प्रांत में होगा, जो अपनी पर्यावरण नीतियों और अभिनव अपशिष्ट प्रबंधन प्रणालियों के लिए जाना जाता है। प्लास्टिक प्रदूषण से निपटने के लिए कोरिया के प्रयास इसे इस वर्ष की थीम के लिए उपयुक्त मेजबान बनाते हैं।
“प्लास्टिक प्रदूषण को हराना” क्यों महत्वपूर्ण है?
प्लास्टिक प्रदूषण दुनिया के सबसे गंभीर पर्यावरणीय खतरों में से एक बन गया है:
हर साल 400 मिलियन टन से अधिक प्लास्टिक का उत्पादन होता है।
अब तक उत्पादित प्लास्टिक कचरे का केवल 9 प्रतिशत ही पुनर्चक्रित किया जा सका है।
प्लास्टिक को विघटित होने में 500 वर्ष तक का समय लग सकता है, जिससे भूमि और जल प्रदूषित होते हैं।
प्लास्टिक प्रदूषण समुद्री जीवन , मृदा स्वास्थ्य , खाद्य श्रृंखलाओं और यहां तक कि जलवायु परिवर्तन को भी प्रभावित करता है।
इस थीम को चुनकर, विश्व पर्यावरण दिवस 2025 का उद्देश्य है:
प्लास्टिक के हानिकारक प्रभाव के बारे में विश्व समुदाय को जागरूक करना है।
टिकाऊ पैकेजिंग और बायोडिग्रेडेबल विकल्पों को बढ़ावा देना।
चक्रीय अर्थव्यवस्थाओं और पर्यावरण-अनुकूल नवाचार की ओर बदलाव को प्रोत्साहित करना।
विश्व पर्यावरण दिवस सिर्फ जागरूकता तक ही सीमित न हो ,बल्कि इसे विश्व समुदाय को व्यवहार में लाना भी होगा। आज पूरे विश्व की सबसे बड़ी चुनौती है।पर्यावरण संरक्षण आज पूरा विश्व मानव विकास की तरफ ध्यान केन्द्रित करके चल रहा है। मानव ने प्राकृतिक विविधता, जैव विविधता कई वनस्पतियों जीव -जन्तुओं और पशु -पक्षियों का विलुप्तीकरण किया है। इस दिन दुनिया भर के विभिन्न संस्थाएं ,दफ्तर, स्कूल, कॉलेज,अकादमी, पर्यावरण से संबंधित प्रतियोगिता,भाषण, निबंध, चित्रांकन, प्रतियोगिता या अन्य कार्यक्रमों पौधरोपण अभियान, आयोजित कर पर्यावरण संरक्षण हेतु जागरुक करने का प्रयास करते हैं। साथ ही साथ पर्यावरण को स्वच्छ बनाए रखने का संकल्प भी लिया जाता है।
लोगों को वृक्षारोपण, प्रकृति प्रेम, वृक्ष कटाई से रोकने के लिए जागरूक होना चाहिए। साथ ही साथ अपने आसपास को साफ सुथरा रखने, पानी की बचत, बिजली का कम उपयोग करने,उसकी जगह हो सके तो सोलर एनर्जी का उपयोग करने का प्रयास किया जा सकता है।इस दिन जंगली जीवन की सुरक्षा आदि के लिए संकल्प भी लिया जाता है।ताकि हमारी प्राकृतिक सुंदरता सदैव बरकरार रहे।1973 में पृथ्वी पर वातावरण को प्रदूषित होने से बचाने के लिए सकारात्मक कदम उठाने और इस दिशा में दुनिया भर के लोगों को प्रेरित करने के उद्देश्य से विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया था। अवैध व्यापार की वजह से हमारे कीमती जैवविविधता नष्ट होते जा रहे हैं। वही जंगली जानवरों जैसे हाथी, बाघ, गैंडा, गोरिल्ला समुद्री कछुए, आदि महत्वपूर्ण प्रजातियों के अस्तित्व समाप्त होने के कगार पर पहुंच गया हैं। विश्व पर्यावरण दिवस वन्य जीवो के प्रति अपराध में शामिल लोगों को सुधार सकें, और उनके द्वारा किए गए नुकसान की भरपाई कर सकें। पृथ्वी पर एक बेहतर भविष्य पाने के लिए इस बड़ी समस्या को हल करना आवश्यक है।और यह एक बड़ी चुनौती के रूप में हमारे सामने हैं। प्रकृति ने समस्त जीवों की उत्पत्ति एक ही सिद्धांत के तहत की है।व समस्त प्राकृतिक जीव-जन्तुओं के जीवन का अस्तित्व एक दूसरे से जुड़ा हुआ है।लेकिन समस्या तब शुरू हुई जब मनुष्य ने स्वयं को पर्यावरण का हिस्सा ना मानकर उसको अपने आवश्यकओं के अनुसार विकृत करने लगा।
इन विचारोंऔर ब्यवहारों ने प्रकृति के रूप को पूरी तरह बिगाड़ दिया। नदियां,पहाड़, जंगल,और जीव पृथ्वी पर चारों तरफ जो नजर आते थे।इनकी संख्या घटती गई इनमें से ढेरों विलुप्त के कगार पर है। ऐसा लगता है कि मानव समाज ने प्रकृति के विरुद्ध अघोषित युद्ध छेड़ रखा है। और स्वयं को प्रकृति से अधिक ताकतवर साबित करने में जुटा हुआ है।यह जानते हुए भी कि प्रकृति के विरुद्ध युद्ध में वह जीत कर भी अपना वजूद सुरक्षित नहीं रख सकता है।पर्यावरण में फैला प्रदूषण धीरे-धीरे बेकाबू और अशुद्ध बनता जा रहा है। जिसके प्रति लोगों को जागरूक करने का दिन ही विश्व पर्यावरण दिवस के रूप मे है।
प्रदूषण से पृथ्वी से लेकर वायुमंडल तक प्रभावित हुआ है। इस पर रहने वाले सभी जीव -जंतुओं के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है। वनों की अनियंत्रित कटाई, पॉलिथीन का प्रयोग इसका मुख्य कारण है।
भारत में विश्व पर्यावरण दिवस 2025
भारत, जो प्लास्टिक के सबसे बड़े उपभोक्ताओं में से एक है, भारत ने इस वर्ष की थीम के अनुरूप पहले ही कई अभियान शुरू कर दिए हैं:
आंध्र प्रदेश में वनरोपण अभियान : राज्य में एक ही दिन में 1 करोड़ पौधे लगाने की योजना है।
राजस्थान में जल संरक्षण : ‘वंदे गंगा जल अभियान’ पारंपरिक जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने पर केंद्रित है।
असम में युवा कार्यक्रम : गुवाहाटी में राष्ट्रीय विज्ञान केंद्र प्लास्टिक कचरे पर ध्यान केंद्रित करते हुए रैलियां, व्याख्यान और जागरूकता अभियान आयोजित करेगा।
ये गतिविधियाँ पर्यावरण की सुरक्षा और प्लास्टिक पर निर्भरता कम करने के लिए देशव्यापी प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।
हम सब इस प्रकार से योगदान कर सकते हैं:
1-सफाई अभियान में भाग लें
पार्कों, समुद्र तटों, जंगलों और नदियों में स्थानीय या वैश्विक सफाई अभियान में शामिल हों।
2-एकल-उपयोग प्लास्टिक का उपयोग कम करें
प्लास्टिक बैग, स्ट्रॉ, कटलरी और पैकेजिंग को नकारें। दोबारा इस्तेमाल किए जा सकने वाले विकल्प चुनें।
3-पेड़ लगाएँ
वृक्षारोपण पहल में भाग लेकर कार्बन उत्सर्जन को कम करें और शहरी गर्मी को कम करें।
4-जागरूकता अभियान आयोजित करें
अपने समुदाय को प्लास्टिक के खतरों और इसके उपयोग को कम करने के बारे में शिक्षित करें।
5-सोशल मीडिया पर साझा करें
इस संदेश को ऑनलाइन फैलाने के लिए
WorldEnvironmentDay और BeatPlasticPollution जैसे हैशटैग का उपयोग करें ।