क्या है अन्तर्राष्ट्रीय बालिका दिवस 2025की थीम?What is the theme of international Girl child day2025?



 [11/10, 2:56 am] sr8741002@gmail.com: International Girl Child Day 2025 : संयुक्त राष्ट्र संघ ने 19 दिसंबर 2011 को आधिकारिक रूप से 11 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के रूप में घोषित किया। पहली बार इसे वर्ष 2012 में मनाया गया और तब से यह हर साल महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक वैश्विक आंदोलन बन चुका है।

बालिका दिवस 2025 - 

International Girl Child Day 2025 : बालिकाओं के विकास, उत्थान से ही राष्ट्र का विकास जुड़ा है। जहां बालिकाएं अच्छी शिक्षा, स्वास्थ्य और जीवन जीती हैं, उस देश में खुशहाली का दर भी अधिक हो सकता है। हालांकि बच्चियों को आज भी कई जगहों पर बोझ समझा जाता है। भारत के कई क्षेत्रों में यह स्थिति चिंतनीय है। इसी कड़ी में हर साल 11 अक्टूबर को पूरी दुनिया में अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है। यह दिन लड़कियों के अधिकारों, शिक्षा, समान अवसरों और सशक्तिकरण को समर्पित है। 2011 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने यह दिन तय किया ताकि समाज में बालिकाओं के प्रति सकारात्मक सोच और समानता को बढ़ावा दियारा् जा सके।


अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस का इतिहास

यह दिवस की नींव 1995 के बीजिंग महिला सम्मेलन से जुड़ी हैं, जहां दुनिया भर की महिलाओं ने एकजुट होकर लड़कियों के अधिकारों की आवाज उठाई। इसके बाद 19 दिसंबर 2011 को संयुक्त राष्ट्र ने आधिकारिक रूप से 11 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के रूप में घोषित किया। पहली बार इसे वर्ष 2012 में मनाया गया और तब से यह हर साल महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक वैश्विक आंदोलन बन चुका है। 


अन्तर्राष्ट्रीय बालिका दिवस 2025 थीम

मैं जो लड़की हूँ, मैं जो बदलाव लाती हूँ बालिका संगठनों, संयुक्त राष्ट्र भागीदारों और सबसे महत्वपूर्ण रूप से स्वयं बालिकाओं के साथ परामर्श के माध्यम से तैयार 2025 के अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस का थीम है 'मैं जो लड़की हूं, मैं जो बदलाव लाती हूं

 संकट के अग्रिम मोर्चे पर लड़कियां'।

इस साल की थीम लड़कियों के नेतृत्व और उनकी स्वतंत्र पहचान पर केंद्रित है। यह संदेश देती है कि लड़कियां केवल भविष्य की आशा नहीं, बल्कि आज बदलाव लाने की असली शक्ति हैं। हर लड़की अपने अंदर समाज को दिशा देने की क्षमता रखती है बस उसे पहचान और अवसर की जरूरत है।

अन्तर्राष्ट्रीय बालिका दिवस का महत्व

भारत ही नहीं, पूरी दुनिया में लड़कियाँ आज भी कई चुनौतियों का सामना करती हैं, बाल विवाह, शिक्षा से वंचित रहना, भेदभाव, या हिंसा। यह दिवस हमें याद दिलाता है कि हर लड़की को समान अधिकार मिलना चाहिए ,

शिक्षा का अधिकार

स्वास्थ्य व सुरक्षा

आत्मनिर्भरता व सम्मान

निर्णय लेने और नेतृत्व का अवसर

[11/10, 3:05 am] sr8741002@gmail.com: अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस लड़कियों के अधिकारों को बढ़ावा देता है और लड़कियों व लड़कों के बीच व्याप्त लैंगिक असमानताओं को उजागर करता है।अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस लोगों और संगठनों को दुनिया भर में लड़कियों के साथ होने वाले विभिन्न प्रकार के भेदभाव और दुर्व्यवहार के बारे में जन जागरूकता बढ़ाने का अवसर प्रदान करता है। इस दिन, कई सामुदायिक और राजनीतिक नेता जनता को लड़कियों के समान शिक्षा के अधिकार और उनकी मौलिक स्वतंत्रता के महत्व के बारे में बताते हैं। माता-पिता, परिवारों और व्यापक समुदाय के सक्रिय समर्थन और जुड़ाव के माध्यम से लड़कियों को सशक्त बनाने के लिए लोगों द्वारा किए जा रहे कार्यों को प्रदर्शित करने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।लड़कियों के साथ भेदभाव, हिंसा और उनके मानवाधिकारों का उल्लंघन अभी भी जारी है। संयुक्त राष्ट्र ने उन चुनौतियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने की ज़रूरत महसूस की जिनका सामना लाखों लड़कियाँ हर दिन करती हैं।


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