महिला समानता दिवस 2025की थीम क्या है ? Womens Equality Day 2025

 


26 अगस्त को महिला समानता दिवस  (Women's Equality day) मनाया जाता है,यह दिन महिलाओं के अधिकारों और समाज में उनके योगदान को सम्मानित करने का अवसर प्रदान करता है। हालांकि आज विश्व भर मे महिलायें पुरषों के साथ कन्धा से कन्धा मिलाकर चल रही हैं।घर के चूल्हे से लेकर आसमान की उडा़न,या ट्रक ड्राइवर से लेकर अन्तरिक्ष अनुसंधान तक, सभी जगह अवसर मिलने पर महिलायें अद्वितीय हैं। पुरुषवादी सोच के चलते महिलाओं को समानता से नहीं आंका जाता है।जिससे अभी भी महिलायें समानता के लिए लड़ रही हैं।यह दिन महिलाओं के अधिकारों और समाज में उनके योगदान को सम्मानित करने का अवसर प्रदान करता है दशकों पहले पश्चिमी देशों में महिलाओं को बहुत कम अधिकार दिए जाते थे। अर्थात महिलाएं पुरुषों की गुलाम समझी जाती थी।


महिला समानता का इतिहास:-

 1890 में अमेरिका में नेशनल अमेरिकन वूमेन सफरेज संगठन का गठन किया गया। यह संगठन महिलाओं के हितों के लिए लगातार काम कर रहा था। और 1920 में महिलाओं को अमेरिका में वोटिंग का अधिकार मिल गया। 1971मे अमेरिकी संसद ने हर साल 26 अगस्त को वूमेन इक्वलिटी डे अर्थात महिला समानता दिवस मनाने की घोषणा की। 

उसके बाद धीरे-धीरे यह लगभग पूरी दुनिया में महिला समानता दिवस के रूप में मनाया जाने लगा है। यदि महिलाओं की बात की जाए तो महिलायें मानव समाज का मूल आधार है। बच्चों और परिवार के लिए महिलाओं का समर्पण या समाज निर्माण मे बडी भूमिका होती है।

महिलाओं के बिना मानव जीवन चल नहीं सकता है। एक महिला बच्चे को जन्म देने से लेकर उसके पालन-पोषण, उसकी  शिक्षा और बच्चे को संस्कार देती है। 

एक महिला न जाने कितने रिश्तों में रंग भरती हैं।कभी वह मां बनकर ममता लुटाती है। तो कभी पत्नी, कभी बेटी, और कभी बहन बनकर रिश्ते निभाती हैं। और यही महिला कभी अपने हक की लड़ाई भी लड़ रही होती है। विश्व में कई ऐसे देश हैं जहां आज भी महिला बराबरी की लड़ाई लड़ रही है। घर हो या ऑफिस महिलाओं को हमेशा पुरुषवादी सोच में कम ही समझा जाता है। ऐसा नहीं है कि महिलाओं में किसी भी तरह से कम शक्ति है।बल्कि महिलाओं में और पुरुषों में बराबर की शक्ति और  योग्यता है।सिर्फ इस बात की कमी है।कि महिलाओं को पुरुषों से कम आंका जाता है।जिससे महिलाओं को किसी भी क्षेत्र मे समानता के लिए लड़ना पड़ता है। 

आज दुनिया मे कोई भी क्षेत्र ऐसा नहीं है।जहां महिलायें पीछे हो।भारतीय संस्कृति मे तो नारी पूज्यनीय है।

भारत का संविधान सभी भारतीय महिलाओं को समान अधिकार (अनुच्छेद 14), राज्य द्वारा कोई भेदभाव नहीं करने (अनुच्छेद 15 (1)), अवसर की समानता (अनुच्छेद 16), समान कार्य के लिए समान वेतन (अनुच्छेद 39 (घ)) की गारंटी देता हैभारतीय संस्कृति में किसी भी कार्य में सर्व प्रथम महिला को ही प्राथमिकता दी जाती है। बस सिर्फ सोच और समान अवसर देने की जरुरत है। इस दिवस पर पुरुषों के समान ही महिलाओं को भी समानता के अधिकार हेतु विश्वभर के समाज मे  जनजागरण करने की आवश्यकता है। और बराबर का सम्मान,और अवसर महिलाओं और पुरुषों दोनों को दिये जाने की आवश्यकता है।

 महिला समानता दिवस 2025 के लिए संयुक्त राष्ट्र की थीम “सभी महिलाओं और लड़कियों के लिए: अधिकार, समानता, सशक्तिकरण” है, जो लैंगिक समानता को बढ़ावा देने और महिलाओं को सशक्त बनाने पर केंद्रित है। 

इस थीम का अर्थ:

यह थीम सभी महिलाओं और लड़कियों को उनके मौलिक अधिकार दिलाने, समाज में उनके लिए समान अवसर सुनिश्चित करने और उन्हें मजबूत बनाने के लिए प्रोत्साहित करती है। यह लैंगिक समानता की दिशा में तेजी से प्रगति करने की तात्कालिकता पर जोर देती है। 

यह थीम क्यों महत्वपूर्ण है: 

अधिकार:

यह सुनिश्चित करता है कि सभी महिलाओं को वही अधिकार मिलें जो पुरुषों को मिलते हैं।

समानता:

यह समाज में सभी महिलाओं के लिए समान अवसर और व्यवहार की वकालत करता है।

सशक्तिकरण:

यह महिलाओं को अपनी क्षमताओं का उपयोग करने और अपने जीवन के निर्णय लेने के लिए सशक्त बनाने पर केंद्रित है। आयें हम सभी महिलाओं को समान अवसर देने,और समाज में पुरुषों के समान ही सम्मान दिलाने हेतु प्रयास करें।











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