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Showing posts from August, 2025

मेजर ध्यानचंदसिंह ने हिटलर के प्रस्ताव को क्यों ठुकराया?Majar dhyanchand singh National sports day 2025

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  [29/08, 4:52 am] sr8741002@gmail.com: विश्व हाकी जादूगर (World,Hockey,Magician) मेजर ध्यानचन्दसिंह के जन्म दिवस  29 अगस्त को भारत में हर वर्ष राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है। हर भारतीय मेजर ध्यानचंदसिंह के नाम से भली भांति परिचित हैं, हाकी के क्षेत्र में विश्व भर में भारत को अलग पहचान दिलाने वाले हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंदसिंह के जन्मदिवस पर राष्ट्रीय खेल दिवस मनाने की परंपरा शुरू हुई थी। देश में पहला राष्ट्रीय खेल दिवस 29 अगस्त 2012 को मनाया गया था। आइये जानते हैं। विश्व हाकी जादूगर मेजर ध्यानचंदसिंह के बारे में  मेजर ध्यानचंदसिंह का इतिहास:- विश्व हॉकी के जादूगर मेजर  ध्यानचंदसिंह का जन्म 29 अगस्त 1905 को इलाहाबाद उत्तर प्रदेश में हुआ था। उनकी माता का नाम शारदा सिंह और पिता का नाम सोमेश्वर सिंह था। पिताजी भारतीय ब्रिटिश सेना मे सुबेदार थे।और हाकी खेलते थे।इनके बडे़ भाई रूप सिंह भी हाकी के खिलाड़ी थे।1922 मे वे भारतीय ब्रिटिश सेना मे भर्ती हुए।1922  से 1926 तक उन्होने सेना की तरफ से हाकी खेली। 13 मई1926 में मेजर ध्यानचंद सिंह ने न्यूजीलैण्ड मे स...

महिला समानता दिवस 2025की थीम क्या है ? Womens Equality Day 2025

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  26 अगस्त को महिला समानता दिवस  (Women's Equality day) मनाया जाता है,यह दिन महिलाओं के अधिकारों और समाज में उनके योगदान को सम्मानित करने का अवसर प्रदान करता है। हालांकि आज विश्व भर मे महिलायें पुरषों के साथ कन्धा से कन्धा मिलाकर चल रही हैं।घर के चूल्हे से लेकर आसमान की उडा़न,या ट्रक ड्राइवर से लेकर अन्तरिक्ष अनुसंधान तक, सभी जगह अवसर मिलने पर महिलायें अद्वितीय हैं। पुरुषवादी सोच के चलते महिलाओं को समानता से नहीं आंका जाता है।जिससे अभी भी महिलायें समानता के लिए लड़ रही हैं।यह दिन महिलाओं के अधिकारों और समाज में उनके योगदान को सम्मानित करने का अवसर प्रदान करता है दशकों पहले पश्चिमी देशों में महिलाओं को बहुत कम अधिकार दिए जाते थे। अर्थात महिलाएं पुरुषों की गुलाम समझी जाती थी। महिला समानता का इतिहास:-  1890 में अमेरिका में नेशनल अमेरिकन वूमेन सफरेज संगठन का गठन किया गया। यह संगठन महिलाओं के हितों के लिए लगातार काम कर रहा था। और 1920 में महिलाओं को अमेरिका में वोटिंग का अधिकार मिल गया। 1971मे अमेरिकी संसद ने हर साल 26 अगस्त को वूमेन इक्वलिटी डे अर्थात महिला समानता दिवस मनाने ...

जसवन्त सिंह रावत हीरो आप नेफा क्यों कहलाये?जसवंत सिंह रावत Hero of Nefa

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   sr8741002@gmail.com: महावीर चक्र से सम्मानित जसवन्त सिंह रावत का जन्म 19 अगस्त 1941 को ग्राम बाड्यूं,ब्लाक वीरौंखाल,तहसील धुमाकोट,जिला पौडी़ गढवाल,मे हुआ था।1961 मे वे भारतीय सेना के चौथी गढवाल राइफल्स मे भर्ती हुए।इधर चीन ने तिब्बती विद्रोह के बाद जब दलाई लामा ने भारत मे शरण ली तो भारत चीन सीमा पर हिंसक घटनाओं की एक श्रृखला कर शुरू दी।भारत ने फारवर्ड नीति के तहत मैकमोहन रेखा से लगी सीमा पर अपनी सैनिक चौकियां रखी थी।चीन ने 20 अक्टूबर 1962 को लद्दाख और मैकमोहन रेखा के पार एक साथ हमले शुरू किये। यह लडा़ई 14000 फीट से अधिक की ऊंँचाई पर लडी़ गयी।चौथी गढवाल भी मोर्चे पर थी।इस युद्ध मे राइफलमैन जसवन्तसिंह रावत ने नूरानाग रणक्षेत्र मे अकेले 72 घण्टे और अन्तिम सांस तक युद्ध कर 300 से अधिक चीनी सैनिकों को मौत के घाट उतारा था।  उन्होने अकेले 72 घण्टे तक चीनी सेना को रोककर रखा था। उनके साथी त्रिलोक नेगी,और गोपाल गुंसाई कवरिंग फायर दे रहे थे।और मशीन गन से ग्रेनेड फेंक रहे थे।लेकिन फायरिंग के दौरान दोनों शहीद हो गये। जसवन्त रावत भी घायल हुए थे। उनकी कम्पनी के काफी जवान मारे गये। ले...

अखण्ड भारत दिवस 14अगस्त को ही क्यों मनाया जाता है?Akhand Bharat diwas

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  अखण्ड भारत की सीमायें हिमालय से हिन्दमहासागर तक ईरान से इंडौनेशिया,जावा सुमात्रा तक फैली हुई थी।महाभारत और रामायण काल मे मलेशिया,इंडौनिशिया,थाईलैण्ड,फिलीपींस,वियतनाम कम्बोडिया, जैसे देश भी भारत वर्ष के अटूट हिस्से थे।इसकी सीमायें इतनी विस्तृत थी। कि यहां चक्रवर्ती सम्राटों का शासन हुआ करता था।हमारे पूर्वज भारत की सीमाओं को लांघकर ज्ञान का दर्शन देने गये। उन्होने किसी पर अत्याचार नहीं किये।किसी को सताया नहीं सनातन संस्कृति की शिक्षाओं के लिए किसी पर बलात बल का प्रयोग नहीं किया।बल्कि ज्ञान का प्रकाश फैलाया। अखंड भारत की चर्चा में हमारा देश बहुत विशाल था छोटे बड़े 24 देशों से मिलाकर अपना देश आर्यव्रत कहलाता था।विश्व का सिरमौर और नेतृत्व करता था। इसी कारण आर्यवृत्त को खण्डित करने का कुचक्र रचाया गया।पिछले 2500 वर्षों मे विभिन्न आक्रान्ताओं और देशो के द्वारा भारत पर बारम्बार आक्रमण कर या षड़यन्त्र रचकर खण्डित किया गया।पाकिस्तान का विभाजन 24वां विभाजन था।यह विभाजन अन्तिम था। फ्रैन्च,डच,शक,यमन,यूनानी,मंगोल,मुगल,और अंग्रेजों के द्वारा हुआ।सात विभाजन अंग्रेजोंँ द्वारा किये गये।प्राचीन भार...

उत्तरकाशी धराली में आयी दैवीय आपदा में बादल फटा? या ग्लेशियर टूटा? Uttarakashi Dhrali Natural Disaster

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  [10/08, 6:34 am] sr8741002@gmail.com: उत्तरकाशी में बादल फटने के बाद या ग्लेशियर टूटने से आई तबाही,  उत्तराखंड के धराली गांव में बादल फटने के बाद आई बाढ़ ने तबाही मचाई। कई घर और होटल कीचड़ और मलबे में  दफन हो गए। सड़कें और पूल टूट गए। इस हादसे के बाद की सैटेलाइट तस्वीरें सामने आई हैं। उत्तराखंड के धराली गांव में मंगलवार को आई अचानक बाढ़ ने तबाही मचा दी। कीचड़ और मलबे ने पूरे गांव को अपनी चपेट में ले लिया, जिससे इमारतें, सड़कें, पेड़ और खेत-खलिहान दफन हो गए। सैटेलाइट तस्वीरों ने इस भयावह मंजर को कैद किया है, जो इस आपदा की गंभीरता को बयां करती हैं। गांव पर मंडराया मलबे का साया नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर की तस्वीरें बताती हैं कि खीर गंगा नदी के रास्ते में आए सैलाब ने धराली गांव को पूरी तरह तहस-नहस कर दिया। मलबे ने भागीरथी नदी के एक बड़े हिस्से को भी अवरुद्ध कर दिया, जिससे नदी का रास्ता बंद हो गया। 13 जून और 7 अगस्त की तस्वीरों में साफ दिखता है कि एक पुल और बाग-बगीचे भी पानी और कीचड़ में डूब गए। ग्लेशियर टूटने की आशंका एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह तबाही खीर गंगा नदी के ऊपरी ...

क्या है?रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त 2025 Rakshabandhan

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  रक्षाबंधन भारतीय संस्कृति का प्रमुख त्यौहार है।यह त्यौहार भाई बहन के बीच अगाध स्नेह एवं अटूट विश्वास का प्रतीक है। रक्षाबंधन एक सामाजिक पौराणिक धार्मिक और ऐतिहासिक है।विश्वास की भावना के धागे से बना एक ऐसा पावन बंधन है जिसे रक्षाबंधन के नाम से केवल भारत में ही नहीं बल्कि नेपाल और मॉरिशस में भी बहुत धूमधाम से मनाया जाता है।राखी का त्योहार संपूर्ण भारतवर्ष में सदियों से मनाते चले आ रहे हैं।आइये जानते हैं,  राखी से जुड़ा इतिहास-  भविष्य पुराण में राखी का वर्णन मिलता है जब देव और दानवों में युद्ध शुरू हुआ था।तब दानव भारी होते नजर आने लगे।भगवान इंद्र घबरा कर बृहस्पति के पास गए वहां बैठी इंद्र की पत्नी इन्द्राणी सब सुन रही थी।उन्होंने रेशम का धागा मंत्रों की शक्ति से पवित्र करके अपने पति के हाथ पर बांध दिया संयोग से यह दिन श्रावण पूर्णिमा का दिन था। कहते हैं  कि इंद्र इस लड़ाई में इसी धागे के मंत्र शक्ति से ही विजयी हुए थे। उसी दिन से श्रावण पूर्णिमा के दिन से रक्षा धागा बांँधने की प्रथा चली आ रही है।  राजा बलि को भी  माता लक्ष्मी ने रक्षासूत्र बांधा था।दानव रा...