निपुण भारत मिशन क्या है? कब लागू हुआ,और क्या उद्देश्य हैं? What is nipun Bharat mission,when was it implemented and what is its objective
निपुण भारत मिशन (National Initiative for Proficiency in Reading with Understanding and Numeracy) निपुण भारत मिशन का अर्थ है 3-9 वर्ष के छात्रों में समझ के साथ पढ़ने और संख्यात्मकता में दक्षता हासिल करना है। एफ एल एन का तात्पर्य कक्षा 3 तक के बच्चों को अर्थपूर्ण ढंग से पढ़ने और बुनियादी गणित की समस्याओं को हल करने की क्षमता को पूर्ण करने से है। निपुण भारत मिशन कार्यक्रम 5 जुलाई, 2021 को शुरू किया गया था।
निपुण भारत मिशन
NEP-2020 की सिफारिशों के अनुरूप, मिशन निम्नलिखित कार्य करेगा। निपुण भारत मिशन का अर्थ है “समझ के साथ पढ़ने और अंकगणित में दक्षता के लिए राष्ट्रीय पहल( निपुण भारत ) आधारभूत साक्षरता और अंकगणित (एफ एल एन) पर आधारित एक राष्ट्रीय मिशन है। FLN (foundation literacy and Numeracy) का तात्पर्य कक्षा 3 तक बच्चे को अर्थपूर्ण ढंग से पढ़ने और बुनियादी गणित की समस्याओं को हल करने की क्षमता में निपुण करना, अर्थात तज्ञ करना। ये महत्वपूर्ण बुनियादी कौशल हैं जो उन्हें जीवन में सफल होने में मदद करते हैं।राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में FLN को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है।
शिक्षा मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए FLN पर राष्ट्रीय मिशन (NIPUN Bharat) का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि, 2026-27 तक कक्षा 3 तक के प्रत्येक बच्चे के पास ये बुनियादी कौशल जरूरी हों।निपुण भारत मिशन बच्चों को शिक्षित करने के लिए शुरू किया गया था।
क्योंकि-
विश्व बैंक के लर्निंग पॉवर्टी इंडेक्स के अनुसार भारत के स्कूल जाने वाले 55% छात्र कक्षा 5 तक के उपयुक्त पाठ्य सामग्री को पढ़ और समझ नहीं पाते हैं। और कक्षा 3, 5 और 8 के 13-18% छात्र बुनियादी शिक्षण स्तर से नीचे हैं। और केवल 39-53% छात्रों ने ही दक्षता हासिल की है।
NAS 2017 के
शोध से पता चलता है कि कक्षा 3 एक महत्वपूर्ण मोड़ है। अगर बच्चे कक्षा 3 तक 'पढ़ना सीख जाते हैं,तो तभी वे 'सीखने के लिए पढ़ते हैं।
NIPUN Bharat मिशन बच्चों को 'पढ़नेऔर समझ के साथ सीखने' में मदद करेगा ताकि वे पीछे न रह जाएं
NEP 2020 की सिफारिशों के अनुरूप, मिशन निम्नलिखित कार्य करेगा-
1-बच्चों को समझ के साथ पढ़ने में मदद करना।
2-बच्चों को संख्याएँ, माप और आकृतियाँ समझने में मदद करना।
3-खेल और गतिविधि-आधारित शिक्षण पद्धति का उपयोग करना।
4-बच्चों को उनकी घरेलू/मातृ भाषा में पढ़ाना।
5- उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षण-अधिगम सामग्री उपलब्ध कराना।
6-शिक्षकों, शैक्षणिक संसाधन व्यक्तियों, शिक्षा प्रशासकों की क्षमता का निर्माण करना।
7-बच्चों के सीखने के स्तर पर लगातार नजर रखना,
सर्वेक्षण, प्रश्नोत्तरी, खेल आदि का उपयोग करके सार्थक मूल्यांकन करना।
निपुण भारत मिशन के प्रमुख घटक-
1-मौखिक भाषा विकास-यह ध्वन्यात्मक जागरूकता विकसित करने में मदद करता है।जो और पढ़ना और लिखना सीखते समय महत्वपूर्ण है।
2-डिकोडिंग-इस डोमेन में प्रिंट जागरूकता, अक्षर ज्ञान और शब्द पहचान की दक्षताएं शामिल हैं।इसे उपलब्ध कराना।
3-समझ के साथ प्रवाहपूर्ण पढ़ना- अर्थ सहित पाठ को सटीक रूप से पढ़ना तथा अभिव्यक्तियों और विराम चिह्नों को समझना।
4-लेखन -भावों के साथ अक्षर और शब्द लिखना।
5-आधारभूत संख्यात्मकता को समझना
आधारभूत संख्यात्मकता का अर्थ है तर्क करने की क्षमता, तथा दैनिक जीवन की समस्याओं के समाधान में सरल संख्यात्मक अवधारणाओं को लागू करने की क्षमता।
6--पूर्व संख्या अवधारणाएँ गिनती करने और संख्यात्मक प्रणाली को समझने में सक्षम होना।
संख्याएँ और संख्या पर संचालन संख्याओं को दर्शाने के लिए आधार 10 प्रणाली जैसी गणित की मूल बातें सीखना।
आकृतियाँ और स्थानिक समझ तीन अंकों तक की संख्याओं में सरल गणनाएँ करना,और उन्हें दैनिक जीवन की गतिविधियों में लागू करना,
7-माप तीन अंकों तक की संख्याओं पर जोड़, घटाव, गुणा और भाग जैसे बुनियादी कार्य करना।
योग्यता आधारित शिक्षा-
बच्चे वर्तमान स्तर पर निपुणता प्राप्त करने के बाद ही अगले स्तर पर आगे बढ़ते हैं।
बच्चों के सीखने के परिणामों को बच्चों द्वारा योग्यता अर्जन के लिए निर्धारित मानकों के आधार पर मापा जाता है।
रचनात्मक मूल्यांकन का उपयोग-कौशल या अवधारणाओं का मूल्यांकन विभिन्न संदर्भों में किया जाता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बच्चों द्वारा गहन समझ और अनुप्रयोग दोनों अर्जित किए गये हैं।
एकीकृत एवं समग्र विकास के लिए विकासात्मक लक्ष्य
बच्चों का स्वास्थ्य और खुशहाली अच्छी बनी रहे
बच्चे प्रभावी संचारक बनते रहे।
बच्चे गहन शिक्षार्थी बनते हैं और अपने तात्कालिक वातावरण से जुड़ते हैं।
विकासात्मक लक्ष्यों, योग्यता और सीखने के परिणामों के बीच संबंध को समझना।
विकासात्मक लक्ष्य
विकास के विभिन्न क्षेत्र जैसे-
1-शारीरिक और मांसिक विकास,
2-सामाजिक- भावनात्मक विकास,
3-साक्षरता और संख्यात्मकता विकास, संज्ञानात्मक विकास।
4-आध्यात्मिक और नैतिक विकास,
5-कला और सौंदर्य विकास, जो परस्पर संबंधित और अन्योन्याश्रित हैं।
इन सभी क्षेत्रों को बच्चों के समग्र विकास के लिए तीन प्रमुख लक्ष्यों में सम्मिलित किया गया है।
1-दक्षताएं वे कथन हैं जो निर्दिष्ट करते हैं कि बच्चे किसी पाठ्यक्रम या कार्यक्रम को पूरा करने या उसमें भाग लेने के बाद क्या जान पाऐ, क्या करने में सक्षम होंगे, या क्या प्रदर्शित कर पाएंगे।
2-सीखने के परिणाम
एलओ अनिवार्य रूप से अर्जित योग्यताओं का प्रमाण हैं। सीखने के परिणाम विशिष्ट कथन हैं जो सटीक रूप से वर्णन करते हैं कि एक छात्र मापने योग्य तरीके से क्या करने में सक्षम होगा।
3-किसी दी गई योग्यता के लिए एक से अधिक मापने योग्य परिणाम परिभाषित किए जा सकते हैं।
इस प्रकार से हम निपुण भारत मिशन के तहत उसके उद्देश्यों पर कार्य करके 2026-27 तक मिशन के लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं।