डायविटीज/शुगर क्यों? उपचार और खान-पान

 


शुगर यानी डायबिटीज एक खतरनाक बीमारी आज के जमाने मे बनती जा रही है।इससे पूरी दुनियाग्रसित है।दुनिया के हर देश मे शुगर के मरीज बढ रहे हैं। पश्चिमी देशों में शुगर के मरीज लगभग 60 वर्ष की उम्र के हैं। जबकि भारत मे 30 से 45 साल के युवाओं मे शुगर हो जा रहा है।  आईसीएमआर के अनुसार भारत में 10 करोड़ से ज्यादा लोगों को डायबिटीज हो चुका है। और 13.6 करोड लोग प्रीडायबीटिक हैं। देश में 11.09 4% लोग डायबिटिक हैं। और 15.3% प्रीडायबिटीज है।अर्थात भारत की एक चौथाई आबादी डायबिटीज की चपेट में आ चुकी है। और 35.45 लोगों को हाइपरटेंशन है।


भारत में डायबिटीज के कारण 

  शहरी क्षेत्र की और प्रवास 

बाहर का खान-पान फास्ट फूड

 पर्यावरण और जीवन शैली में बदलाव 

शारीरिक गतिविधियों का कम होना।

इसके परिणाम स्वरूप उच्च कैलोरी उच्च प्रोटीन वाले खाद्य पदार्थों का खान-पान

और उच्च चीनी वाले खाद्य पदार्थों का सेवन बढ़ गया है।

 

विश्व में पाकिस्तान और कुवैत ऐसे देश है जहां सबसे ज्यादा डायबिटीज के मरीज है।जो की बहुत चिंता का विषय हो गया है।

डायबिटीज होता कैसे है।


जब शरीर के पेनक्रियाज में इंसुलिन की कमी हो जाती है।तो खून में ग्लूकोज की मात्रा ज्यादा हो जाती हैं। तो इसी को डायबिटीज कहते हैं। इंसुलिन एक हार्मोन होता है। जब हम शारीरिक ब्यायाम,परिश्रम,योग,आदि शारीरिक गतिविधि नहीं करते हैं तो शरीर मे ग्लूकोज की मात्रा बढ जाती है और वह धीरे-धीरे ब्लड मे मिलना शुरू कर देता है।शरीर मे बजन बढने, फैट,प्रौटीन आदि की मात्रा के बढने से भी शुगर लेबल बढ जाता है। और हमारे शरीर का अग्नाशय मे इन्सुलिन हार्मोन का उत्सर्जन होना बन्द हो जाता है। डायबिटीज की वजह से हमारे मेन अंग जैसे किडनी, आंखें, दिल, और स्किन,पर प्रभाव डालते हैं। यदि शुगर कन्ट्रोल न हो तो धीरे -धीरे इन अंगो को शुगर डैमेज करना शुरू कर देता है। इनमे से आंखों पर डायबिटीज सीधे अटैक करती है और डायबिटीज को कंट्रोल नहीं किया तो यह आने वाले भविष्य के लिए जान लेवा बन जाता है।


क्या करें डायबिटीज कन्ट्रौल हेतु-

शारीरिक परिश्रम,टहलना,दौड़ना,रस्सीकूद,योग ब्यायाम आदि।


डायबिटीज हेतु इलाज- समय पर डाक्टरी सलाह,दवाई


खान-पान-मिठाई,और मीठे फलों के सेवन से बचे।चावल आलू,को कम लें। ज्यादा कैलोरी,प्रोटीन युक्त फलों से भी परहेज

फाइबर युक्त  अनाज शब्जी और फलों का सेवन करें 

 जौ,मंडुवे का आटा,मक्के का आटा ,अपनी रोटी के साथ सामिल करें।

जैसे करेला का जूस ,नीम जामुन का सेवन करें।


शब्जी मे अक्सर करेला,भिन्डी पत्ता गोभी तो जरुर ही लें।

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