आपरेशन सिंदूर में ब्रह्मोस से पाकिस्तान बुरी तरह क्यों डरा? Operation Sindoor 2025
[12/05, 5:00 am] sr8741002@gmail.com: आपरेशन सिंन्दूर में पाकिस्तान के परमाणु ठिकानों को ध्वस्त करने वाला था भारत, सीजफायर पर पाकिस्तान के झुकने की इनसाइड स्टोरी
भारतीय सेना पाक के परमाणु ठिकानों को ध्वस्त करने वाला था , सीजफायर पर पाकिस्तान के झुकने की इनसाइड स्टोरी भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर हो गया है,10 मई की दोपहर तक,जब भारत द्वारा पाकिस्तान के कई बड़े हमलों को नाकाम कर दिया गया, तब पाकिस्तान के डीजीएमओ मेजर जनरल काशिफ अब्दुल्ला ने अपने भारतीय समकक्ष लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई को सीधे हॉटलाइन पर बात की,
अमेरिका ने न्यूट्रल रुख बनाए रखते हुए इस्लामाबाद को एक कड़ा संदेश दिया, ड्रोन अटैक, मिसाइल हमलों और फाइटर जेट्स द्वारा 4 दिनों तक दागे गए बमों के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर की घोषणा हो गई,लेकिन चौथे दिन ऐसा क्या हुआ कि मरते दम तक युद्ध लड़ने की गीदड़ भभकी देने वाले पाकिस्तान ने पीछे हटने का फैसला ले लिया,सूत्रों की मानें तो भारत के सब्र का बांध टूटता देख पाकिस्तान खौफ में आ गया था, पाकिस्तान को डर था कि भारत अब कुछ ऐसा करने जा रहे है, जिससे वहां तबाही आ सकती है, ऐसे में पाकिस्तान ने झुकने में अपनी भलाई समझी और सीधा संयुक्त राष्ट्र की शरण में पहुंच गया, इसके बाद पाकिस्तान के सैन्य अभियान महानिदेशकों (डीजीएमओ) ने भारत से सीधे हॉटलाइन पर बात की और फिर सीजफायर पर सहमति बनी,
ऐसे पीछे हटने को मजबूर हुआ पाकिस्तान
10 मई की सुबह भारतीय वायुसेना के विमानों ने पाकिस्तान वायुसेना (पीएएफ) के प्रमुख ठिकानों को निशाना बनाकर ब्रह्मोस-ए (हवा से दागी जाने वाली) क्रूज मिसाइलें दागीं,पहले कंफर्म अटैक रावलपिंडी के पास चकलाला और पंजाब प्रांत के सरगोधा में हुए, ये दोनों ही आर्मी बेस पाकिस्तान सेना के लिए रणनीतिक विमानन और गोलाबारूद रखते हैं, पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (Pok)- जैकोबाबाद, भोलारी और स्कार्दू में अतिरिक्त ठिकानों पर हमलों की पुष्टि शाम को ही हुई, जब एजेंसियों ने खुफिया जानकारी के जरिए नुकसान का आकलन पूरा किया,
हमलों के तुरंत बाद, भारतीय खुफिया एजेंसियों ने पाकिस्तानी डिफेंस नेटवर्क पर हाई अलर्ट मैसेज फ्लैश होते हुए देखा, ये मैसेज था कि भारत अगला निशाना पाकिस्तान के परमाणु कमांड और नियंत्रण ढांचे को बना सकता है, रावलपिंडी में रणनीतिक प्रतिष्ठानों, जिनमें पाकिस्तान के रणनीतिक योजना प्रभाग से जुड़े कार्यालय भी शामिल हैं,ऐसे में उन्होंने कथित तौर पर सुरक्षा प्रोटोकॉल बढ़ा दिए,
इसी समय पाकिस्तान ने तुरंत बीच-बचाव करने के लिए अमेरिका से संपर्क किया, सरकारी सूत्रों के अनुसार, अमेरिकी अधिकारी तनाव बढ़ने की आशंका में पहले से ही दोनों पक्षों के संपर्क में थे, लेकिन रणनीतिक ठिकानों के बारे में अलर्ट के कारण वाशिंगटन को और अधिक निर्णायक कदम उठाना पड़ा,
ऐसा माना जा रहा है कि अमेरिका ने न्यूट्रल (तटस्थ) रुख बनाए रखते हुए इस्लामाबाद को एक कड़ा संदेश दिया था,आधिकारिक सैन्य हॉटलाइन का इस्तेमाल करें और बिना किसी देरी के तनाव कम करें, अमेरिका ने "व्यावहारिक रूप से" पाकिस्तानी पक्ष को भारतीय सेना के लिए अपनी डायरेक्ट लाइन एक्टिव करने और किसी भी देरी से बचने का आदेश दिया,
10 मई की दोपहर तक, जब भारत द्वारा पाकिस्तान के कई बड़े हमलों को नाकाम कर दिया गया, तब पाकिस्तान के डीजीएमओ मेजर जनरल काशिफ अब्दुल्ला ने अपने भारतीय समकक्ष लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई को सीधे फोन किया, कॉल का समय, 15:35 बजे IST था, जिसकी बाद में विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने एक प्रेस ब्रीफिंग में पुष्टि की,
सरकारी सूत्रों ने बताया कि भारत प्रोटोकॉल के बाहर पाकिस्तान के साथ किसी भी औपचारिक कूटनीतिक या सैन्य वार्ता में शामिल न होने के अपने रुख पर कायम है,इसका मतलब यह है कि अंतरराष्ट्रीय दबाव के बावजूद, नई दिल्ली ने मध्यस्थता में शामिल नहीं हुआ और इसके बजाय संकेत दिया कि भारतीय सशस्त्र बल अगले लेवल तक जाने के लिए तैयार हैं, जिसमें कथित तौर पर ऊर्जा और आर्थिक लक्ष्यों पर हमले, साथ ही साथ डीप स्ट्रैटेजिक स्ट्रक्चर शामिल होंगे,
भारत ने पुष्टि की है कि 22 अप्रैल के पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद लिए गए उसके निर्णय, जिसमें सिंधु जल संधि (आईडब्ल्यूटी) को अस्थायी रूप से निलंबित करना भी शामिल है, युद्धविराम से अप्रभावित रहेंगे, यानि भारत द्वारा पाकिस्तान पर की जा रही वाटर स्ट्राइक जारी रहेगी,
भारत और पाकिस्तान के सैन्य अभियान महानिदेशकों (डीजीएमओ) की 12 मई को दोपहर 12 बजे मुलाकात होना तय हुआ है, इस बीच भारत ने साफ कर दिया है कि अगली बार कोई भी आतंकी हमला युद्ध की कार्रवाई (Act of War) माना जाएगा और सजा इस बार से कई ज्यादा होगी,
सेना के कमांडरों को खुली छूट, पाकिस्तान ने सीजफायर समझौता तोड़ा तो बरसेंगे गोले, शादी वाले ड्रोन, भटकती मिसाइलें, फुस्स हथियार,पाक की 2 दिन भी जंग लड़ने की नहीं दिखायी दी।
[12/05, 5:03 am] sr8741002@gmail.com: एयर मार्शल एके भारती ने कहा कि एलोसी पर कम से कम 35 से 40 पाकिस्तानी जवान मारे गए हैं। इसी सवाल पर राजीव घई ने भी अहम जानकारी दी। उनके मुताबिक भारतीय सेना की कार्रवाई पूरी तरह एक सरप्राइज थी, 100 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया गया।
Operation Sindoor
भारत के 'ऑपरेशन सिंदूर' ने 4 दिन में पाकिस्तान को पहुंचाया कितना नुकसान?
Operation Sindoor: पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेने के लिए भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' चलाया था, इस दौरान पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकवादी प्रशिक्षण शिविरों को निशाना बनाया गया।
Operation Sindoor: 7 मई 2025 को भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया, जो 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के प्रतिशोध में था, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी,
इस सैन्य अभियान का उद्देश्य पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाना था,इस ऑपरेशन के पहले दिन, भारतीय वायुसेना ने स्कैल्प क्रूज मिसाइलों और हैमर स्मार्ट बमों का उपयोग करते हुए नौ आतंकवादी प्रशिक्षण शिविरों पर हमला किया,
इन हमलों ने पाकिस्तान को चौंका दिया और उसने जल्दबाजी में जवाबी कार्रवाई की, जिसमें उसे अपेक्षित सफलता नहीं मिली,इन हमलों में लगभग 100 आतंकवादियों के मारे जाने की सूचना है, हालांकि आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है, इनमें से पांच ठिकाने जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पार 9 से 30 किलोमीटर अंदर PoK में स्थित थे, जबकि अन्य चार ठिकाने अंतरराष्ट्रीय सीमा के पार 6 से 100 किलोमीटर अंदर पाकिस्तान में थे।अगली रात, पाकिस्तान ने भारत के उत्तर और पश्चिमी क्षेत्रों के 15 शहरों में सैन्य ठिकानों पर मिसाइल और ड्रोन हमले करने का प्रयास किया, जिसे भारतीय सेना ने सफलतापूर्वक विफल कर दिया,
भारत ने पाकिस्तान के कई हवाई ठिकानों और हवाई रक्षा प्रणालियों को भी निशाना बनाया, इस चार दिवसीय संघर्ष के दौरान, दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया, सैन्य अधिकारी के अनुसार हमने पाकिस्तान में आतंकी ढांचे को नष्ट कर दिया, उनकी हवाई सुरक्षा को नुकसान पहुंचाया और उनके कई एयरबेसों को निशाना बनाया, पिछले चार दिनों में भारतीय सेना ने अच्छा प्रदर्शन किया, पाकिस्तान के जवाबी हमले को ज़्यादातर नाकाम कर दिया गया,
भारतीय वायुसेना ने रफीकी, मुरीदके, चकलाला, रहीम यार खान, सुक्कुर, चुनियन, पसरूर और सियालकोट में सैन्य ठिकानों पर हमला किया, भारत द्वारा निशाना बनाए गए लक्ष्यों में तकनीकी अवसंरचना, कमांड और नियंत्रण केंद्र, रडार साइट और हथियार भंडारण क्षेत्र शामिल थे,नियंत्रण रेखा पर तोपखाने और मोर्टार की गोलीबारी में दोनों पक्षों को सैन्य और नागरिक हताहतों का सामना करना पड़ा. हालांकि, अमेरिका की मध्यस्थता से बीती रात एक अस्थायी संघर्षविराम लागू किया गया, युद्ध विराम की घोषणा के बाद एक ब्रीफिंग के दौरान विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में भारतीय प्रतिष्ठानों पर अकारण हमले के बाद पाकिस्तान को बहुत भारी और असहनीय क्षति हुई है,उन्होंने कहा, 'स्कार्दू, सरगोधा, जैकोबाबाद और भोलारी जैसे महत्वपूर्ण पाकिस्तानी एयरबेसों को भारी नुकसान पहुंचा है, साथ ही, वायु रक्षा हथियारों और रडार के नुकसान ने पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र की रक्षा को अस्थिर बना दिया है,उन्होंने कहा, 'एलओसी के पार, सैन्य बुनियादी ढांचे, कमांड और नियंत्रण केंद्रों और रसद प्रतिष्ठानों को व्यापक और सटीक नुकसान ने इसकी रक्षात्मक और आक्रामक क्षमताओं को पूरी तरह से खत्म कर दिया है.' इस अभियान ने पाकिस्तान में आतंकवादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचाया और भारत की सैन्य क्षमता और रणनीतिक तैयारी को प्रदर्शित किया।