क्या है विश्व पृथ्वी दिवस 2025की थीम? What is the theem of world Earth day 2025?

 


Earth Day 2025: पृथ्वी दिवस, इतिहास और इस साल की थीम Earth Day 2025 Theme: इस साल 55 वां पृथ्वी दिवस मनाया जा रहा है, पृथ्वी दिवस मनाने के पीछे क्या वजह है और किस तरह पर्यावरण संरक्षण की तरफ हम सभी अपना योगदान दे सकते हैं।

 पृथ्वी दिवस, हमारी धरती को समर्पित है , 

Earth Day 2025: हर साल 22 अप्रैल के दिन विश्व पृथ्वी दिवस मनाया जाता है,इसे केवल पृथ्वी दिवस के नाम से भी जाना जाता है,पृथ्वी दिवस मनाने का मकसद पर्यावरण संरक्षण की तरफ सभी का ध्यान खींचना और यह कोशिश करना है कि सभी पृथ्वी को खुशहाल बनाए रखने मेंअपना योगदान दें, यह हर पीढ़ी की जिम्मेदारी बनती है कि वह आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वस्थ और खुशहाल पृथ्वी बनाए रखे, प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण को बढ़ावा देना, पर्यावरण को सुरक्षित रखना, पर्यावरण संरक्षण में आने वाली चुनौतियों से लड़ना, लोगों को प्राकृतिक आपदाओं से बचाव के तरीके बताना, जनसंख्या वृद्धि पर नजर रखना, वनों की कटाई को रोकना, प्रदूषण (Pollution) कम करने की तरफ कदम बढ़ाना और पृथ्वी के हित में कार्य करने के लिए सभी को जागरूक करना ही इस दिन को मनाने का उद्देश्य है, 

पृथ्वी दिवस 2025 की थीम -Earth Day 2025 Theme 

हर साल पृथ्वी दिवस मनाने के लिए खास थीम चुनी जाती है, इस साल पृथ्वी दिवस की थीम है, 'आवर पावर, आवर अर्थ' (Our Planet, Our Earth). इस थीम को मनाने का मकसद समाज, संगठनों और देशों की सरकार को क्षय होने वाले ऊर्जा स्त्रोतों को दोबारा इस्तेमाल किए जाने वाले स्त्रोतों में बदलना और एक टिकाउ भविष्य की नींव रखने के लिए प्रेरित करना है। इस थीम के माध्यम से यह लक्ष्य निर्धारित करना है कि 2030 तक दुनियाभर में उत्पादित अक्षय ऊर्जा की मात्रा को तीन गुना करना है, जिसमें भूतापीय, जलविद्युत, ज्वारीय, पवन और सौर ऊर्जा जैसे स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों पर विशेष जोर दिया जाएगा,


पृथ्वी दिवस मनाने का इतिहास (Earth Day History) 

पहली बार दुनिया ने 22 अप्रैल, 1970 में पृथ्वी दिवस मनाया था. पृथ्वी दिवस को मनाने की शुरूआत का श्रेय अमेरिकी राजनेता और पर्यावरण एक्टिविस्ट सीनेटर जेलार्ड नेल्सन को जाता है, इसके बाद एक्टिविस्ट डेनिस हायस भी जेलार्ड के साथ इस मुहिम में जुड़ गए, साल 1990 में पृथ्वी दिवस पर 141 राष्ट्रों के 20 करोड़ लोगों ने इस दिन को मनाया था, और साल 1992 में ब्राजील में होने वाली यूनाइटेड नेशंस की एनवायरमेंट और डेवलपमेंट कॉन्फ्रेंस की नींव रखी थी, इसके बाद हर साल ही करोड़ों लोग पृथ्वी दिवस को मनाते हैं,

पृथ्वी दिवस मनाने का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण (Environment Protection) के महत्व को बढ़ावा देना, प्रदूषण कम करना और ऊर्जा समेत संसाधनों की खपत को रोकना है,ऐसे में व्यक्ति अपने स्तर पर भी इस दिन को मनाने में योगदान दे सकता है, 

 _पर्यावरण संरक्षण (Environment Protection) के महत्व को बढ़ावा देना, प्रदूषण कम करना और ऊर्जा समेत संसाधनों की खपत को रोकना इसका प्रमुख लक्ष्य है।_

 

हम क्या करना है 


 प्लास्टिक के इस्तेमाल को न्यूनतम करें।


घर में प्लास्टिक या पॉलीथिन बैग लाना बन्द करें।


 रिसाइकिल और रियूज़ करने पर जोर दें।


जब बिजली की आवश्यक्ता ना हो तो ऐसी, लाइट और पंखे बंद कर दें।


प्लास्टिक वेस्ट को रिसाइकिल करें। कोशिश करें कि जो चीजें पर्यावरण के लिए सुरक्षित हैं उनका ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल किया जाए।


 पेड़-पौधे लगाएं और पर्यावरण को हरा बनाए रखें।


प्रदूषण कम करें और नदी-नालों में गंदगी फेंकने के बजाय कूड़ेदान में ही फेंकें।


 जिन चीजों की जरूरत ना हो उन्हें ना खरीदें। इस ओवर कंजंप्शन के कारण ही पृथ्वी पर वेस्ट पदार्थों (Waste Products) की मात्रा बढ़ती है।


 पानी बचाने की कोशिश करें। जब जरूरत ना हो तो पानी को ना बहाएं।


 प्रकृतिजन्य जीवन अपनाएं और खुशहाल स्वस्थ जीवन जियें


_धरा गगन से यूँ कहे, सहूँ ताप दिन रैन।_

_पेड़ लगें तो छाँव हो, मिले सभी को चैन।।

प्लास्टिक के इस्तेमाल को कम करना 

रिसाइकिल करने पर जोर देंना 

जब बिजली की आवश्यक्ता ना हो तो लाइट और पंखे बंद कर देना 

प्लास्टिक वेस्ट को रिसाइकिल करना

 कोशिश करें कि जो चीजें पर्यावरण के लिए सुरक्षित हैं उनका ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल किया जाए, 

पेड़-पौधे लगाएं और पर्यावरण को हरा बनाए रखें. 

प्रदूषण कम करें और नदी-नालों में गंदगी फेंकने के बजाय कूड़ेदान में ही फेंकें,

जिन चीजों की जरूरत ना हो उन्हें ना खरीदें, इस ओवर कंजंप्शन के कारण ही पृथ्वी पर वेस्ट पदार्थों (Waste Products) की मात्रा बढ़ती है. 

पानी बचाने की कोशिश करें. जब जरूरत ना हो तो पानी को ना बहाएं। आये हम सभी पृथ्वी दिवस पर संकल्प लें कि हम पर्यावरण संरक्षण में अपना सहयोग करेंगे और अपनी पृथ्वी को स्वस्थ और स्वच्छ बनायेंगे। भारतीय संस्कृति तो  वसुधैव कुटुम्बकम् के भाव को लेकर चलती है।सारा विश्व हमारा परिवार है।

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