विश्व बांस दिवस Bamboo day

 


विश्व बांस दिवस18 सितंबर को मनाया जाता है इसका मुख्य उद्देश्य है इसके उपयोग के बारे मे लोगों को जागरूक करना है। बांस कई चीजों मे काम आता है।फर्नीचर बनाने,भोजन,जैव ईंधन,कपडे़ बनाने,और अन्य उपयोग की वस्तुओं को बनाने मे, यह पौधा विश्व मे सबसे तेजी से बढने वाला पौधा है।यह एक दिन मे 1 मीटर तक बढ जाता है। बांस शक्ति,लचीलेपन,और विकास का प्रतीक है।इससे बेहद नरम और उच्च गुणवत्ता के उत्पाद बनते हैं।भारत मे राष्ट्रीय बांस मिशन 2006-07 मे शुरू हुआ।भारत विश्व मे दूसरा बडा़ देश है।

जो बांस उत्पादन और उपयोग मे बांस को लाता है।इसकी खेती बडे़ पैमाने पर की जाती है।हर साल लाखों टन बांस निर्यात होता है।बांस की लकडी़ का इस्तेमाल बडे़ पैमाने पर बागवानी,पशुधन,और मत्स्य पालन मे होता है।यही नहीं बांस कार्बनडाई आक्साइड को अवशोषित करने और आक्सीजन उत्पन्न करने की क्षमता के लिए जाना जाता है। बांस बहुत प्राचीन बनस्पति है।जिसका उपयोग भारत सहित बहुत देशों मे होता है।विश्व मे सबसे अधिक बांस दक्षिण पूर्व ऐशिया चीन मे पाया जाता है।

तथा भारत के मिजोरम, असम और पूर्वोत्तर राज्यों मे बडे़ तादात मे पाया जाता है।2009 मे विश्व बांस संगठन ने पहली बार 18 सितम्बर को विश्व बांस दिवस मनाने की घोषणा की।ताकि विश्व भर मे बांस की खेती को बढावा दिया जा सके।2022 का विश्व बांस दिवस का विषय था।हरित जीवन और सतत विकास,विश्व बांस संगठन का मुख्यालय एंटवर्प बेल्जियम मे है।विश्व बाँस सगठन की स्थापना2005 मे हुई थी।इस समय इसके निदेशक सुजैन लुकास हैं।विश्व बांस दिवस मानवता,के लिए प्रकृति के उपहार का उत्सव है।यह पर्यावरण,और हमारी संस्कृतियों मे बांह के अहम योगदान के लिए प्रोत्साहित करता है।बांस का मानव जीवन मे अमूल्य योगदान है।यह मानवृजीवन के समृद्ध मार्ग को प्रशस्त करता है।

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